tag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post4443553411991390210..comments2024-03-26T15:40:20.950+05:30Comments on मंथन: "हद"Meena Bhardwajhttp://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-58480167064509922932019-02-14T08:18:43.389+05:302019-02-14T08:18:43.389+05:30आपकी सराहना से अभिभूत हूँ सुधा जी !! बेहद शुक्रिया...आपकी सराहना से अभिभूत हूँ सुधा जी !! बेहद शुक्रिया हृदयतल से ...., आभार आपके स्नेहयुक्त वचनों के लिए। सादर।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-87951321647926942872019-02-13T23:11:44.199+05:302019-02-13T23:11:44.199+05:30हद वो भी कहने सुनने रहने सहने की....
बहुत ही सुन्द...हद वो भी कहने सुनने रहने सहने की....<br />बहुत ही सुन्दर सटीक प्रस्तुति...<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-22607200189059366592019-02-13T18:21:47.729+05:302019-02-13T18:21:47.729+05:30मुस्कुराहटें और उदासियाँ...., अभिन्न हैं जीवन में...मुस्कुराहटें और उदासियाँ...., अभिन्न हैं जीवन में , बस लिख ही डाली । आपकी प्रतिक्रिया के बाद फिर से पढ़ी रचना तो लगा सचमुच हद हो गई ये तो :) । बहुत बहुत शुक्रिया संजय जी तहेदिल से आपकी प्रतिक्रिया सदैव संबल प्रदान करती हैं ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-74686720536206161042019-02-13T15:15:08.512+05:302019-02-13T15:15:08.512+05:30आज उदासी भरे भाव हैं आपकी रचना में....बहुत सच लिखा...आज उदासी भरे भाव हैं आपकी रचना में....बहुत सच लिखा आपने अंतर्मन की वेदना का चित्रण किया है ये तो अक्सर होता ही आया है जब मन की गठरी खुलती है तो कड़वाहट ही जन्म लेती है ......पर अक्सर ये कड़वाहट मन को भिगो जाती है मीना जी संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com