tag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post5027451227178948062..comments2024-03-26T15:40:20.950+05:30Comments on मंथन: "अपने पराये"Meena Bhardwajhttp://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-9987757212770664412018-07-19T18:00:47.008+05:302018-07-19T18:00:47.008+05:30मीना जी नमस्कार
आपकी इस रचना को http://forum4.co....मीना जी नमस्कार <br />आपकी इस रचना को http://forum4.co.in/forum_news-4140/ पर पोस्ट किया गया है <br /><br />सादर <br />संजय भास्कर संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-47816886813051115472018-03-08T17:27:54.451+05:302018-03-08T17:27:54.451+05:30हौसलाअफजाई के लिए हृदयतल से आभार संजय जी.हौसलाअफजाई के लिए हृदयतल से आभार संजय जी.Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-6157553576927555052018-03-08T13:31:26.549+05:302018-03-08T13:31:26.549+05:30बस चन्द लम्हों के लिए
मेहमानों के तरह मिलेंगे
रिश...बस चन्द लम्हों के लिए<br />मेहमानों के तरह मिलेंगे<br />रिश्तों की कटुता का एहसास कराती .सच में बहुत गहन और विचारणीय...कुछ पंक्तियों में बहुत कुछ कह दिया...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-86383019206173379112018-02-28T14:25:00.566+05:302018-02-28T14:25:00.566+05:30बहुत बहुत आभार प्रोत्साहन वर्धन करती प्रतिक्रिया...बहुत बहुत आभार प्रोत्साहन वर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु रविन्द्र सिंह जी .Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-84735305442038528022018-02-27T21:07:57.636+05:302018-02-27T21:07:57.636+05:30कृपया "जीवन में रिश्तों की कटुता" को जीव...कृपया "जीवन में रिश्तों की कटुता" को जीवन में रिश्तों का कटु यथार्थ पढ़ें. सधन्यवाद.Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-21210658885434607472018-02-27T21:04:06.926+05:302018-02-27T21:04:06.926+05:30जीवन में रिश्तों की कटुता का एहसास कराती एक मर्मस्...जीवन में रिश्तों की कटुता का एहसास कराती एक मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति जो प्रतीकों का ख़ूबसूरती से इस्तेमाल करते हुए व्यापक प्रभाव छोड़ती है.<br />बधाई एवं शुभकामनायें. Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-30818732307457239332018-02-26T11:10:06.864+05:302018-02-26T11:10:06.864+05:30बहुत बहुत आभार आपका मुझे "मित्र मंडली"...बहुत बहुत आभार आपका मुझे "मित्र मंडली" में में स्थान देकर मान देने के लिए.Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-48253068600933151772018-02-26T11:07:16.831+05:302018-02-26T11:07:16.831+05:30बहुत बहुत आभार आपका मुझे "लोकतंत्र" संव...बहुत बहुत आभार आपका मुझे "लोकतंत्र" संवाद मंच" में स्थान देकर मान देने के लिए.Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-23879311667529631922018-02-26T11:04:30.287+05:302018-02-26T11:04:30.287+05:30आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए जितना शुक्रिय...आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए जितना शुक्रिया कहूँ कम होगा . हार्दिक धन्यवाद.Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-24202377776796050302018-02-26T09:03:43.465+05:302018-02-26T09:03:43.465+05:30आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की...आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/02/58.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI'https://www.blogger.com/profile/14562043182199283435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-26616598759218705732018-02-25T20:28:12.423+05:302018-02-25T20:28:12.423+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /> निमंत्रण <br /><br />विशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।<br /><br />अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" 'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-74848440670618940912018-02-25T17:43:09.867+05:302018-02-25T17:43:09.867+05:30काश मेहमान नहीं मालिकों होती बेटियाँ उतना ही जितना...काश मेहमान नहीं मालिकों होती बेटियाँ उतना ही जितना बहुएँ ... ये फ़र्क़ क्यों हो ... मन के भाव लिखे हैं आपने ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com