tag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post6847356124655119624..comments2024-03-26T15:40:20.950+05:30Comments on मंथन: "परछाईं"Meena Bhardwajhttp://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-88181690201870172582017-09-03T18:19:27.368+05:302017-09-03T18:19:27.368+05:30मेरी रचना को मान देने के लिए बहुत बहुत आभार पुर...मेरी रचना को मान देने के लिए बहुत बहुत आभार पुरुषोत्तम जी .Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-38591125382107439702017-09-03T06:52:11.899+05:302017-09-03T06:52:11.899+05:30एक अहसास हूँ
आशीषों की चादर सी, कछुए के कवच सी,
रो...एक अहसास हूँ<br />आशीषों की चादर सी, कछुए के कवच सी,<br />रोशनी की चमक सी, धरा की धनक सी<br />तुम्हारे दुख मे, तुम्हारे सुख में,<br />तुम्हारे साथ जीती,<br />तुम्हारी एक परछाईं हूँ।<br />---मन से उठती एक गुबार को सुंदर तरीके से शब्दों में पिरोया है आपने। बहुत ही सुंदर परछाईं, काश! मुझे मिली होती।।।।।।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-31973918965397399132017-07-12T15:09:05.690+05:302017-07-12T15:09:05.690+05:30तहेदिल से शुक्रिया संजय जी आपकी हौंसला अफजाई का .तहेदिल से शुक्रिया संजय जी आपकी हौंसला अफजाई का .Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7939827358839786858.post-81853802705903841712017-07-11T15:32:16.787+05:302017-07-11T15:32:16.787+05:30सुन्दर प्रस्तुति !
आज फिर से कई दिनों बाद आपकी कुछ...सुन्दर प्रस्तुति !<br />आज फिर से कई दिनों बाद आपकी कुछ पुरानी रचनाये पढ़ी काफी अच्छा लगा आपकी रचनाओ को पढ़कर ,......आभार रचनाये पढ़वाने के लिए संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com