जलती-बुझती रोशनियों को साफ़ आसमान से
निहार रहा है तारों के साथ दूज का चाँद
छोटी-छोटी ख़्वाहिशें भी आसमां सा साथ माँगती हैं
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विचारों के निर्वात की स्थिति में शून्य में डूबा मन
चंचल बच्चे सा अनुशासनहीनता की चादर ओढ़
भरी दोपहरी में नंगे पाँवों तपती रेत में घूमता है ।
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एक जैसी प्रकृति होती हैं
खरपतवार और स्मृतियों की
जितना हटाओ उतनी ही बढ़ती जाती हैं ।
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निर्बल और आम आदमी की परेशानी जताती है
कुछ लोगों की भयावह लिप्सा की भूख
आदिकाल से होते युद्ध इस बात की गवाही देते हैं ।
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इस त्रिवेणी में डुबकी लगाई जाए या किनारे बैठ कर ही पैठा जाए। मननीय सृजन।
जवाब देंहटाएंआपकी सराहना पा कर लेखनी का मान बढ़ा ..हार्दिक आभार अमृता जी !
हटाएंबेहद सुंदर त्रिवेणी सभी एक से बढ़कर एक हैं दी।
जवाब देंहटाएं---//---
एक जैसी प्रकृति होती हैं
खरपतवार और स्मृतियों की
जितना हटाओ उतनी ही बढ़ती जाती हैं।
हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ।
सादर
प्रणाम दी।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली ।
हटाएंश्वेता जी स्नेहिल आभार ।सस्नेह …।
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१२ -०३ -२०२२ ) को
'भरी दोपहरी में नंगे पाँवों तपती रेत...'(चर्चा अंक-४३६७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
चर्चा मंच पर चर्चा में सृजन को मान देने के लिए हार्दिक आभार अनीता जी ! सस्नेह…।
हटाएंसार्थक और सटीक बिंब, रूपक, उपमाएँ।
जवाब देंहटाएंहर छंद बेहतरीन है मीनाजी।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली ।
हटाएंमीना जी स्नेहिल आभार ।सस्नेह …।
सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सर !
हटाएंसार्थक और सुन्दर रचना हेतु साधुवाद !
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पर स्वागत है 🙏
हटाएंसराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार ।
बहुत सुंदर त्रिवेणियाँ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रतीक , सारगर्भित भाव ।
हर त्रिवेणी कबीर के दोहे सी भावों का दोहन।
अभिनव सृजन।
सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली ।
हटाएंस्नेहिल आभार कुसुम जी ।सस्नेह …।
एक जैसी प्रकृति होती हैं
जवाब देंहटाएंखरपतवार और स्मृतियों की
जितना हटाओ उतनी ही बढ़ती जाती हैं ।
हृदय स्पर्शी पंक्तियां, बहुत ही सुन्दर सृजन मीना जी,सादर नमन
सारगर्भित सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी 🙏🌹
हटाएंबहुत सुंदर सराहनीय रचना ।
जवाब देंहटाएंसारगर्भित सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार जीज्ञासा जी 🙏🌹
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