top hindi blogs

Copyright

Copyright © 2025 "मंथन"(https://www.shubhrvastravita.com) .All rights reserved.

सोमवार, 30 दिसंबर 2024

“दिल चाहता है”

बर्फ गिरी है पहाड़ों पर..,

अपनी गठरी की गाँठ

 खोल कर रख दी 

कुदरत ने…,

अतिथियों के स्वागत में

चीड़ और सनोबर

बर्फ से ढक कर भी

 इठला रहे हैं 

कहीं-कहीं…,

ब्यूस की टहनियाँ 

मुस्कुरा कर हिला रही है 

डाली रूपी हाथ 

फ़ुर्सत कहाँ हैं खुद पर जमी 

बर्फ हटाने की..,

यह काम तो अपने आप कर देंगी

हवाएँ..,

दिल चाहता है कि

इन्सान और प्रकृति का रिश्ता 

अनन्त काल तक यूँ ही

चलता रहे …,!

 

🍁

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

“क्षणिकाएँ“

धूप खुल कर हँसी हैं

कई दिनों के बाद 

ठिठुरन से अकड़ी कोंपलें 

अभी-अभी अँगड़ाई के मूड में 

आईं ही थीं कि..,

वह नटखट लड़की सी 

जा छिपी बादल की गोद में 

🍁

माना खूबसूरती में गुलाब का 

कोई सानी नहीं ..,

मगर उसकी महक अब

कहीं खो सी गई है

 शायद इसीलिए आजकल

अपनी आँखें…,

गुलमोहर को ढूँढती हैं 

🍁