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बुधवार, 28 जून 2023

“सदा सर्वदा”



शीत-घाम की राह में ,

वक़्त का पहिया चला करे ।

 बन के साहस एक दूजे का ,

सदा सर्वदा साथ चले ॥


झंझावती तूफ़ानों  से ,

क्यो हम भला डरा करें ।

ईश नाम की नैया से ,

मझधारों को पार करें ॥

 

कजरारी काली रातों में ,

तारा बन कर जीया करे ।

वेदनाओं को भूल-भाल कर ,

ख़ुशियों वाली राह चले ॥


मौन संसृति में गूंज उठे जब ,

 रस आपूरित राग घनेरे ।

 साथ  हमारा सदा सर्वदा ,

 क्यों व्यथित मन प्राण तेरे ॥


जैसे तीव्र अग्नि  में तप कर ,

सोना खरा बना रहता  है ।

संघर्षों की राह जीत कर ,

मानव सफल हुआ करता है  ॥


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