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मंगलवार, 21 जनवरी 2025

“क्षणिकाएँ”

समय रहते मोह भंग का

अहसास 

हो जाना अच्छी बात है  इससे 

शेष सफ़र

तय करने में आसानी रहेगी 

आख़िरकार ..,

 मंज़िल पाने का लक्ष्य भी तो

 जन्म के साथ ही

 तय हो जाया करता है 


*

तथ्य चाहे जो भी रहे हो 

सत्य का शाश्वत होना

जग ज़ाहिर सी बात है

 फिर भी.., न जाने क्यों ..?

इस फ़लसफ़े को 

नज़रअंदाज़ कर के

जीने की राह..,

आसान हो जाया करती है 


*

14 टिप्‍पणियां:

  1. सही है, मोह भंग कई परेशानियों से बचा लेता है, सत्य शाश्वत है इसे भुला दें या नहीं, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, सत्य क्या है यह तो जानना ही पड़ेगा पहले

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  2. सारगर्भित टिप्पणी हेतु हृदय तल से आभार अनीता जी ! सादर नमस्कार !

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 23 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    उत्तर
    1. पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार सहित धन्यवाद आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी ! सादर नमस्कार !

      हटाएं
  4. सुन्दर सराहना हेतु हृदय तल से आभार सर ! सादर नमस्कार !

    जवाब देंहटाएं
  5. इस फ़लसफ़े को
    नज़रअंदाज़ कर के
    जीने की राह..,
    आसान हो जाया करती है
    कितनी सरल बात है और उतनी ही गहन भी !

    जवाब देंहटाएं
  6. सारगर्भित सराहना पा कर लेखन का मान बढ़ा ।हृदय तल से बहुत-बहुत आभार ।सादर नमस्कार मीना जी !

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  7. दुरुस्त कहा है ... मोहभंग होना सच में ले आता है ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सारगर्भित सराहना हेतु हृदय तल से आभार नासवा जी ! सादर नमस्कार ! गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏

      हटाएं
  8. सुन्दर सराहना हेतु हृदय तल से आभार सर ! सादर नमस्कार ! गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर सराहना के लिए हार्दिक आभार भाई मनोज जी!
    सादर नमस्कार!

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"