समय रहते मोह भंग का
अहसास
हो जाना अच्छी बात है इससे
शेष सफ़र
तय करने में आसानी रहेगी
आख़िरकार ..,
मंज़िल पाने का लक्ष्य भी तो
जन्म के साथ ही
तय हो जाया करता है
*
तथ्य चाहे जो भी रहे हो
सत्य का शाश्वत होना
जग ज़ाहिर सी बात है
फिर भी.., न जाने क्यों ..?
इस फ़लसफ़े को
नज़रअंदाज़ कर के
जीने की राह..,
आसान हो जाया करती है
*
सही है, मोह भंग कई परेशानियों से बचा लेता है, सत्य शाश्वत है इसे भुला दें या नहीं, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, सत्य क्या है यह तो जानना ही पड़ेगा पहले
जवाब देंहटाएंसारगर्भित टिप्पणी हेतु हृदय तल से आभार अनीता जी ! सादर नमस्कार !
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 23 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार सहित धन्यवाद आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी ! सादर नमस्कार !
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसुन्दर सराहना हेतु हृदय तल से आभार सर ! सादर नमस्कार !
जवाब देंहटाएंइस फ़लसफ़े को
जवाब देंहटाएंनज़रअंदाज़ कर के
जीने की राह..,
आसान हो जाया करती है
कितनी सरल बात है और उतनी ही गहन भी !
सारगर्भित सराहना पा कर लेखन का मान बढ़ा ।हृदय तल से बहुत-बहुत आभार ।सादर नमस्कार मीना जी !
जवाब देंहटाएंदुरुस्त कहा है ... मोहभंग होना सच में ले आता है ...
जवाब देंहटाएंसारगर्भित सराहना हेतु हृदय तल से आभार नासवा जी ! सादर नमस्कार ! गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏
हटाएंसुन्दर,सरल,गहन
जवाब देंहटाएंसुन्दर सराहना हेतु हृदय तल से आभार सर ! सादर नमस्कार ! गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏
जवाब देंहटाएंअनुपम
जवाब देंहटाएंसुन्दर सराहना के लिए हार्दिक आभार भाई मनोज जी!
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार!