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रविवार, 28 दिसंबर 2025

“क्षणिकाएँ”

उड़ती रेत पर मंजिल का ठिकाना 

ढूँढता रहा बटोही

मरु -लहरियों  में गुम 

मंजिल का ठिकाना तो नहीं मिला 

मगर मिली

रेत के दरिया में सिमटी असंख्य कहानियाँ । 

*

घर के स्टोर-रूम में संभाल कर रखती हैं 

गृहणियाँ  अपने सामान की

 पोटली …,

जिसमें बँधा होता है उनका अपना

ग़ैरज़रूरी..,

लेकिन बहुत ज़रूरी सामान ।

*


(पुस्तक :-पत्तियाँ चिनार की )

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- "मीना भारद्वाज"