उड़ती रेत पर मंजिल का ठिकाना
ढूँढता रहा बटोही
मरु -लहरियों में गुम
मंजिल का ठिकाना तो नहीं मिला
मगर मिली
रेत के दरिया में सिमटी असंख्य कहानियाँ ।
*
घर के स्टोर-रूम में संभाल कर रखती हैं
गृहणियाँ अपने सामान की
पोटली …,
जिसमें बँधा होता है उनका अपना
ग़ैरज़रूरी..,
लेकिन बहुत ज़रूरी सामान ।
*
(पुस्तक :-पत्तियाँ चिनार की )
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- "मीना भारद्वाज"