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गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

“तुम“


झरने सी हँसी फूलों की महक

पूजा की ऋचा लगती तुम ।


उदित  भानु की अरुणिमा

आंगन में पाखी कलरव तुम ।


पूर्णचन्द्र की पूर्ण ज्योत्सना 

इन्द्रधनुषी सुन्दरता तुम ।


उतुंग गिरि की उर्ध्व शिखा पर

हिम किरीट सी आभा तुम ।


मन प्राण बसी साँसें बन कर

सरगम की मधुर रागिनी तुम ।


***

[ चित्र :- गूगल से साभार ]

16 टिप्‍पणियां:

  1. सच बहू बेटियाँ ऐसी ही तो होती है और ऐसे ही रचाती है संसार कभी ऋचा तो कभी पाखी कलरव बनती, इन्द्रधनुषी तो कभी हिम किरीट सी आभा सी ढलती तो कभी हृदय की मधुर रागिनी...। वाह!सराहनीय सृजन प्रिय मीना दी जी।
    सादर स्नेह

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    उत्तर
    1. बिलकुल सही कहा प्रिय अनीता जी ! सच में वे ऐसी ही होती हैं । बहुत बहुत आभार स्नेहिल उपस्थिति और प्रतिक्रिया के लिए ।

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  2. 'तुम'....अति सुन्दर शिल्प से परिलक्षित सौन्दर्य एक अलग ही आभा बिखेर रहा है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. “तुम” पर आपकी अति सुन्दर प्रतिक्रिया ने इसकी शोभा को द्विगुणित कर दिया अमृता जी ! हृदयतल से हार्दिक आभार ।

      हटाएं
  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (26-02-2022 ) को 'फूली सरसों खेत में, जीवित हुआ बसन्त' (चर्चा अंक 4353) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार मनीषा
      जी !

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  6. वाह बहुत सुन्दर रचना , बेटियों के सम्मान में लिखी अच्छी रचना , जय माँ लक्ष्मी!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सुरेन्द्र जी🙏🙏

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  7. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार मैम 🙏🙏

      हटाएं
  8. बहुत सुन्दर उपमाओं से सजे भाव ... सुन्दर रचना ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नासवा
      जी !

      हटाएं
  9. पूर्णचन्द्र की पूर्ण ज्योत्सना

    इन्द्रधनुषी सुन्दरता तुम ।

    वाह!!!!


    उतुंग गिरि की उर्ध्व शिखा पर

    हिम किरीट सी आभा तुम ।

    बहुत ही खूबसूरत एवं सटीक उपमान
    लाजवाब सृजन।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए स्नेहिल आभार सुधा जी !

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"