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बुधवार, 24 जनवरी 2018

"आदत"

आदत सी हो गई‎ है
अपने में‎ खो जाने की ।
खुद से मनमानी करने की
फिर अपने को समझाने की ।

कल्पनाओं के कैनवास पर
कल्पित लैण्ड स्केप सजाने की ।
सोचों की भँवर में उलझी हुई
अनसुलझी गिरहें सुलझाने की ।

बेमतलब तुम से बातें कर
बेवजह जी जलाने की ।
टूटे दिल के जख्मों पर
खुद ही मरहम लगाने की ।

आदत सी हो गई‎ है
जागती आँखों‎ ख्वाब देखने की ।
और फिर जिद्द सी हो गई‎ है
देखे ख्वाब  पूरा करने की ।

     XXXXXX

30 टिप्‍पणियां:

  1. वाह्ह्.....बेहद सुंदर क्या खूब लिखा आपने मीना जी
    बेमतलब तुम से बातें कर
    बेवजह जी जलाने की ।
    टूटे दिल के जख्मों पर
    खुद ही मरहम लगाने की ।
    बहुत अच्छी लगी रचना आपकी। मेरी बधाई स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साह‎वर्धन करती स्नेहिल प्रतिक्रिया‎ के लिए‎ बहुत बहुत‎ आभार श्वेता जी.

      हटाएं
  2. नमस्ते,
    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरूवार 25 जनवरी 2018 को प्रकाशनार्थ 923 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पाँच लिंकों का आनन्द‎" के लिंक संयोजन में मेरी रचना "आदत" को सम्मान‎ देने के अत्यन्त आभार रविन्द्र सिंह‎ जी.

      हटाएं
  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन राष्ट्रीय बालिका दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपके निमन्त्रण के लिए‎ धन्यवाद .मैं सहर्ष उपस्थित‎ होऊँगी. इस सम्मान‎ के लिए‎ आभार हर्षवर्धन जी

      हटाएं
  4. सोचोंं की भँवर में उलझी
    अनसुलझी गिरहें सुलझाने की....
    वाह!!!
    बहुत सुन्दर....

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/01/54.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. राकेश जी बहुत बहुत‎ धन्यवाद "मित्र मंडली" रचना‎ को स्थान देकर सम्मान‎ देने के लिए‎.

      हटाएं
  6. सुंदर सार्थक रचना | मन का खुद से संवाद !!!!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  7. बेमतलब तुम से बातें कर
    बेवजह जी जलाने की।
    .......खूब लिखा आपने मीना जी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बेहद खुशी हुई आपकी प्रंशसात्मक प्रतिक्रिया‎ अपनी रचना पर पाकर. हार्दिक धन्यवाद संजय जी.

      हटाएं
  8. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (31-01-2021) को   "कंकड़ देते कष्ट"    (चर्चा अंक- 3963)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    उत्तर
    1. 'चर्चा मंच' पर रचना को मान देने के लिए बहुत बहुत आभार सर 🙏

      हटाएं
  9. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार अनीता सुधीर जी!

      हटाएं
  10. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार अभिलाषा जी!

      हटाएं
  11. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार सर!

      हटाएं
  12. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार सतीश जी!

      हटाएं
  13. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार सर!

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"