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शनिवार, 24 नवंबर 2018

"रूमानी हो जाएँ "

झील का किनारा और ऊँचे पहाड़
हरी-भरी वादी में वक्त बितायें ।
मन ने ठानी है आज
हम भी रूमानी हो जाएँ ।।


ओस में डूबी कुदरत
हम भी एस्किमोज बन जाएं।
डाले जेबों में हाथ
मुँह से भाप उड़ाएँ ।।


सोने सी बिखरी सैकत
रेतीले धोरों पर चलते जाएँ ।
मिलाएँ कदम से कदम
पीछे निशान छोड़ते जाएँ ।।


कभी नेह कभी तकरार
आपस में साथ निभाये ।
कभी मैं…, कभी तुम…,
एक दूजे के रंग में ढल जाएँ ।।


छोटी -छोटी बातों से अपना दिल बहलाएँ ।
चलो…, हम भी थोड़ा रूमानी हो जाएँ ।।
XXXXX

28 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 24/11/2018 की बुलेटिन, " सब से तेज़ - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    उत्तर
    1. "ब्लॉग बुलेटिन" में मेरी रचना को समिल्लित कर मान देने के लिए सादर आभार शिवम् जी ।

      हटाएं
  2. वाह बहुत खूबसूरत रचना, अलमस्त!
    वाह! मीना जी बहुत ही सरस।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कुसुम जी स्नेहिल और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार !!

      हटाएं
  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक २६ नवंबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार "पांच लिंकों का आनन्द" में रचना को शामिल करने हेतु ।

      हटाएं
  4. कभी मैं…, कभी तुम…,
    एक दूजे के रंग में ढल जाएँ ।।
    छोटी -छोटी बातों से अपना दिल बहलाएँ ।
    बहुत ही inspire करती हुई रबहुत कुछ कह जाती है कुछ पंक्तियाँ....

    जवाब देंहटाएं
  5. कभी नेह कभी तकरार
    आपस में साथ निभाये ।
    कभी मैं…, कभी तुम…,
    एक दूजे के रंग में ढल जाएँ ।।
    बहुत ही सुन्दर..
    वाह!!!!

    जवाब देंहटाएं
  6. कभी नेह कभी तकरार
    आपस में साथ निभाये ।
    कभी मैं…, कभी तुम…,
    एक दूजे के रंग में ढल जाएँ !!!!!!
    बहुत ही सुंदर हृदयस्पर्शी भावों से सजी रचना प्रिय मीना जी | ये रोमानियत बहुत प्यारी है | सस्नेह बधाई और शुभकामनायें इस अनुराग रंगी रचना के लिए |

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    उत्तर
    1. आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया पाकर अभिभूत हूँ प्रिय रेणु जी ।

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  7. ऐसा माहोल तो रोज भी बनाया जा सकता है ...
    फिर भी एक दिल की कहानी रोमानी हो के लिखी रचन लाजवाब है ...

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    उत्तर
    1. "हमकदम' मे विषय मिला नासवा जी...., सोचा प्रयास किया जाये..., प्रयास की सराहना के लिए बहुत बहुत आभार ।

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  8. छोटी -छोटी बातों से अपना दिल बहलाएँ ।
    चलो…, हम भी थोड़ा रूमानी हो जाएँ ।।....बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी अनमोल प्रतिक्रिया के लिए आभार वन्दना जी ।

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"