Followers

Copyright

Copyright © 2023 "मंथन"(https://www.shubhrvastravita.com) .All rights reserved.

रविवार, 3 जनवरी 2021

"हाइकु"


पेड़ों की शाखें ~

शुक वृन्द चोंच में 

अनार दाने ।

🔸

कानन पथ~

अहेरी के जाल में

मृग शावक ।

🔸

नदी का तट~

मांझी की झोपड़ी से

मछली गंध ।

🔸

पेड़ की डाल ~

गिलाई के पंजें में

मीठी निबौरी ।

🔸

सर्दी में वर्षा~

इलायची महकी

चाय प्याली में ।

🔸

भोर उजास~

आंगन में बिखरे

निहार कण ।

🔸

सर्दी की धूप~

छत मुंडेर पर

गोरैया जोड़ा ।

🔸

सागर तट~

लहरों को देखता

नव युगल ।

🔸

कानन पथ~

झरने के समीप

गज शावक ।

🔸

झील के पार  ~

पनपी शाखों पर

बैया कॉलोनी ।

🔸

शीत मध्याह्न~

लड़की के हाथों में

ऊन-सिलाई ।

                                  🔸

हिमस्खलन~

चट्टान की ओट में

पर्वतारोही ।

🔸

जल प्रपात~

पत्थर से फिसला

युवक पाँव ।

🔸

बर्फानी रात ~

सरहद की रक्षा

फौजी के हाथ ।


***

41 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
      मिली..हार्दिक आभार शिवम् जी।

      हटाएं
  2. अनार दाने के जैसा ही हाइकु । अत्यंत आकर्षक एवं मनमोहक । हार्दिक शुभकामनाएँ ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपके ऊर्जावान शब्दों से लेखनी को मान मिला हार्दिक आभार अमृता जी ।

      हटाएं
    2. हृदय ने अभी त्वरा से आपको याद किया था और आप दिख गई । अच्छा लगा ।

      हटाएं
    3. इस स्नेह से अभिभूत हूँ अमृता जी । हृदय से आभार इस मान के लिए..

      हटाएं
  3. बहुत सुन्दर हाइकु।
    हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
      मिली...सादर आभार सर।

      हटाएं
  4. वाह!!!
    एक से बढ़कर एक हायकु
    बहुत ही सुन्दर।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी ऊर्जावान सराहना से लेखनी सफल हुई हार्दिक आभार सुधा जी ।

      हटाएं
  5. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०४-०१-२०२१) को 'उम्मीद कायम है'(चर्चा अंक-३९३६ ) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चर्चा मंच पर सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अनीता ।

      हटाएं
  6. मंत्रमुग्ध करती प्रभावशाली लेखन व अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
      मिली...सादर आभार शांतनु जी ।

      हटाएं
  7. सभी हाइकू बहुत बढ़िया हैं। आपको बधाई और शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत अच्छे सम-सामयिक हाइकु प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार कविता जी !

      हटाएं
  9. अत्यंत मनोहारी चित्रण !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार अनीता जी!

      हटाएं
  10. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार शांतनु जी!

      हटाएं
  11. एक से बढ़कर एक हाइकु..शानदार एवं मनमोहक..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता
      मिली... हृदय से आभार जिज्ञासा जी !

      हटाएं
  12. सर्दी में वर्षा~
    इलायची महकी
    चाय प्याली में ।

    🔸

    भोर उजास~
    आंगन में बिखरे
    निहार कण ।

    🔸

    सर्दी की धूप~
    छत मुंडेर पर
    गोरैया जोड़ा ।

    बहुत प्यारे-से हाइकू ... तीन-तीन पंक्तियों में समायी पूरे मौसम की झांकी
    बहुत ख़ूब 👌👌👌👌

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी सराहना भरी प्रतिक्रिया से मेरे हाइकु लेखन को सार्थकता मिली...हृदय से असीम आभार वर्षा जी🙏🌹🙏

      हटाएं
  13. कमाल के हाइकू हैं सभी ... हर पहली पंक्ति का जवाब बाकी दो में समाहित करते ... लाजवाब लेखन ..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार नासवा जी।

      हटाएं
  14. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार शांतनु जी🙏🙏

      हटाएं
  15. उत्तर
    1. उत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार सर 🙏🙏

      हटाएं
  16. वाह बेहद खूबसूरत हाइकु 👌🏻👌🏻👌🏻

    जवाब देंहटाएं
  17. उत्साहवर्धन के लिए हृदय से असीम आभार अनुराधा जी !

    जवाब देंहटाएं
  18. अच्छे सम-सामयिक हाइकु प्रस्तुति बहुत ही सुन्दर।

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"