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शनिवार, 26 मार्च 2022

घर में फूल की क्यारी रखना..


मुझ से न दोस्ती रखना ।

चालें न दोधारी रखना ।।


वार न करना पीठ पीछे से ।

इतनी सी होशियारी रखना ।।


 न करना  मीठी सी बातें ।

तंज की धार करारी रखना ।।


महक चाहिए यदि जीवन में ।

घर में फूल की क्यारी रखना ।।


 सुखद सफ़र की इच्छा है तो ।

बढ़िया साझेदारी रखना ।।

 

****

24 टिप्‍पणियां:

  1. महक चाहिए यदि जीवन में ।
    घर में फूल की क्यारी रखना ।।
    सुखद सफ़र की इच्छा है तो ।
    बढ़िया साझेदारी रखना ।।
    वाह ! एकदम सीधी बात ! बहुत बढिया।

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    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
      मीना जी !

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26-3-22) को "घर में फूल की क्यारी रखना.."(चर्चा-अंक 4382)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    उत्तर
    1. चर्चा मंच पर चर्चा में सृजन को मान देने के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी !

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  3. मुझ से मत दोस्ती रखना ।
    चालें ना दोधारी रखना ।।
    वार न करना पीठ पीछे से ।
    इतनी सी होशियारी रखना ।।
    ना करना मीठी सी बातें ।
    तंज की धार करारी रखना... क्या खूब कहा। बहुत बढ़िया 👌

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार अनीता जी !

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  4. वार न करना पीठ पीछे से ।

    इतनी सी होशियारी रखना -इसमें - 'होशियारी'शब्द मुझे कुछ ठीक सा नहीं लग रहा , कृपया मार्गदर्शन करें

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    उत्तर
    1. होशियारी का प्रयोग सावधानी के लिए किया है लोकेष्णा जी ! मित्रता में जब मित्र धोखा करें और धोखा खाने वाले मित्र को अहसास हो जाए तो स्थिति कष्टदायी बन जाती है । यहाँ गुज़ारिश है कि कम से कम ऐसी स्थिति ना आने देना ।बाकी आपको कोई बेहतर विकल्प ध्यान में हो तो सुझाव दें कृपया । मैं ग़ज़ल सीख रही हूँ ।स्नेहिल आभार आपकी अनमोल प्रतिक्रिया और सुझाव हेतु ।

      हटाएं
    2. माफी चाहती हूं मैम , गजल की समझ तो नहीं मुझे पर आपकी गजल में ,किसी से कुछ करने और ना करने को कहा जा रहा है , सो इन पंक्तियों में

      वार न करना पीठ पीछे से ।
      इतनी सी होशियारी रखना ।।

      वार न करना पीठ पीछे से ।
      इतनी ईमानदारी रखना ।।
      या
      इतनी खुद्दारी रखना ।।

      जैसा कुछ कैसा लगेगा ( ये मेरी अपनी समझ है कोई बाध्यता नहीं )

      हटाएं
    3. सुझाव के लिए बहुत बहुत आभार लोकेष्णा जी !

      हटाएं
  5. आपका नया अंदाज सुखद लगा मीना जी, अच्छी शुरुआत,
    धार दार लेखन का संकेत देती सहज अभिव्यक्तियां।
    सभी शेर अच्छे लगे।
    इस पर गौर करें।👇
    बहुत बहुत शुभकामनाएं।

    वार न करदे कोई पीछे से ।
    इतनी सी होशियारी रखना ।।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार कुसुम जी आपकी उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु । आपका शेर और लोकेष्णा जी का सुझाव दिल के बहुत क़रीब लगे ।इनको दो और शेर में सृजित कर शीघ्र ही इसे सात अशआरों में परिवर्तित करती
      हूँ । पुनः सस्नेह आभार ।

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  6. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर !

      हटाएं
  7. ना करना मीठी सी बातें ।

    तंज की धार करारी रखना
    वाह!!!
    सुखद सफ़र की इच्छा है तो ।

    बढ़िया साझेदारी रखना ।।
    क्या बात...
    लाजवाब।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार सुधा जी आपकी उत्साहवर्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु

      हटाएं
  8. एकदम सीधी बात कुछ न कह कर भी सब कुछ कह दिया..

    जवाब देंहटाएं
  9. सारगर्भित प्रतिक्रिया ने सृजन का मान बढ़ाया ।हार्दिक आभार अनुज !

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"