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सोमवार, 24 अप्रैल 2023

“समर्पण”


वर्जनाओं की

 देहरी से..


कब बँध कर 

रहती आई हैं

वे सब


मान मिले

 तो ..


अपने आप ही

 बना लेती हैं

 मर्यादाओं के दायरे 


बंधनों में ही ढूँढती हैं 

मुक्ति..


सीमा उल्लंघन से

कब बन जाती हैं 

सुनामी


पता ज़रा देर से ही 

चलता है …


*

16 टिप्‍पणियां:

  1. पता तो अक्सर देर से ही चलता है मीना जी और यही विडम्बना है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु आभारी हूँ जितेन्द्र जी 🙏

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 26 एप्रिल 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार आदरणीय दिग्विजय जी 🙏

      हटाएं
  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (27-04-2023) को   "सारे जग को रौशनी, देता है आदित्य" (चर्चा अंक 4659)  पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चर्चा मंच की चर्चा में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार सहित धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी सर 🙏

      हटाएं
  4. समय चूक की हूक ?
    समय रहते अगर चेत जाते
    जाने कितने हादसे टल जाते

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सारगर्भित प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार नुपूरं जी !

      हटाएं
  5. मान मिले

    तो ..


    अपने आप ही

    बना लेती हैं

    मर्यादाओं के दायरे

    वाह!!!
    बहुत सटीक... मान देने में ही भलाई है....
    लाजवाब सृजन।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सारगर्भित सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार सुधा जी !

      हटाएं
  6. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार आदरणीय ओंकार जी सर !

      हटाएं
  7. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थक किया । हार्दिक आभार अनुराधा जी !

      हटाएं
  8. बहुत सटीक....लाजवाब सृजन बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आना हुआ

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका ब्लॉग पर आना सदैव सुखद अनुभूति है अनुज ! हार्दिक आभार सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु ।

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"