Copyright

Copyright © 2024 "मंथन"(https://www.shubhrvastravita.com) .All rights reserved.

सोमवार, 17 जुलाई 2017

“मापक"

कभी किसी ने कहा था
"कैसे बताऊँ-प्यार कितना है
मापक ही नही मिलते"
बात तो सही है
मिलते तो प्रयोगशाला में जाँच होती
तिजोरी मे संभाल के रखे जाते
जिन्दगी बड़ी खूबसूरत होती
रिश्ते और परिचय
पहले मापक पर नपते
दिल टूटने का खौफ होता
संगी साथी साथ ही होते
रिश्ते-नाते दूर होते
सोने सा संसार होता
जीवन गुलशन गुलजार होता ।।


XXXXX

6 टिप्‍पणियां:

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"