अनुभूति और चिन्तन सदैव जीवन का हिस्सा रहे लेकिन शब्दों में ढालने का ख्याल बहुत लम्बे अर्से के बाद आया, अपनी यात्रा में आपको साझी बना कर कुछ क्षणों के लिए अपनी दुनिया में ले जा पाई तो मेरा लिखना सफल हुआ।
जड़ें चाहे पेड़ की हो या इन्सान की कटे तो तकलीफ ही होती है । कितनी हकीक़त है आपके शब्दों में यूँ लगता है जैसे जिंदगी को शब्दों में समेट दिया हो किसी ने
जड़े चाहे पेड़ की हों
जवाब देंहटाएंया इन्सान की कटे तो
तकलीफ होती है....
बहुत सुन्दर ,सार्थक अभिव्यक्ति....
तहेदिल से शुक्रिया सुधा जी .
जवाब देंहटाएंHello Mam Do you want Publish your book
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हटाएंवाह्ह..सहज सरल मन छूती अभिव्यक्ति मीना जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
बहुत बहुत धन्यवाद श्वेता जी .
हटाएंतकलीफ तो होती ही है ... कुछ भी कटे ... फिर जड़ें तो बहुत ही गहेई होती हैं ...
जवाब देंहटाएंआप सही कहते है..,यही चिन्तन इस छोटी सी रचना का सृजन करवा गया आपकी हौंसला अफजाई का तहेदिल से शुक्रिया .
हटाएंजड़ें चाहे पेड़ की हो
जवाब देंहटाएंया इन्सान की कटे तो
तकलीफ ही होती है ।
कितनी हकीक़त है आपके शब्दों में यूँ लगता है जैसे जिंदगी को शब्दों में समेट दिया हो किसी ने
आपकी प्रशंसात्मक प्रतिक्रिया सदैव और बेहतर लेखन की ओर प्रेरित करती है संजय जी . बहुत बहुत धन्यवाद .
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