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बुधवार, 4 अक्तूबर 2017

आँसू

आँसू प्यार और दर्द के‎
अहसास की पहचान‎ होते हैं
दिल के दर्द को बयान करते हैं
ठेस लगे तो उमड़ पड़ते हैं तो कभी‎
अपनों की जुदाई में भी छलक जाते हैं
वक्त बदला और दुनिया बदली
अहसासों की परिभाषा बदली
अब वक्त कहता है ….,
अपनी बात मनवाने को
खुद का सिक्का जमाने को
जब जी चाहे ….,
आँखों में आ जाते हैं और
पलकों की चिलमन छोड़
गालों पर फिसल जाते हैं।

xxxxx 

8 टिप्‍पणियां:

  1. Nice post ... keep sharing this kind of article with us......visit www.dialusedu.blogspot.in for amazing posts ......jo sayad hi aapne kbhi padhe ho.....ek bar jarur visit kren

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  2. Thank you so much Dinesh ji for appreciating. Welcome to my blog. I will surely visit the blog you mentioned. Thanks again.

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  3. वाह्ह्ह.....बहुत भावपूर्ण सुंदर रचना मीना जी।

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  4. आँसू प्यार और दर्द के‎
    अहसास की पहचान‎ होते हैं
    क्या बात कह डाली...सोलहो आने सच... सुंदर लगा आज की कविता को पढना !

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  5. बहुत‎ बहुत‎ धन्यवाद संजय जी .

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  6. रोक के रखना होता है इन आंसुओं को पलकों तले तभी ये एहसास बनते हैं उतर आते हैं शब्द बन के ...

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  7. इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया‎ के लिए‎ अत्यन्त आभार दिगम्बर जी .

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मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"