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रविवार, 15 अगस्त 2021

" स्वन्तत्रता दिवस"


आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।


     शहीदों को याद करें ,

     मान से शीश झुकायें ।।

     फहरायें तिरंगा शान से ,

     गर्व से जन गण मन गायें ।।


     आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।


     सीखें समानता बन्धुता का पाठ ,

     राष्ट्र का मान बढ़ायें ।

     त्यागें राग द्वेष का भाव ,

     कुटुम्ब खुशहाल बनायें ।।


    आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।


     व्यक्तिगत को भूल कर ,

     समष्टिगत को जीवन सार बनायें ।

     करें सब की इच्छा का आदर ,

     सामान्य इच्छा का सिद्धांत अपनायें ।।


     आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें ।

---

आप सबको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई 🙏🙏

【2018 में स्वतन्त्रता दिवस पर पोस्ट  मेरी एक रचना 】

                              

30 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!

      हटाएं
  3. बहुत सुन्दर भावनाएं ...... काश हर नागरिक इन भावों को अपनाए ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार मैम🙏🌹🙏

      हटाएं
  4. आपकी लिखी रचना सोमवार 16 ,अगस्त 2021 को साझा की गई है ,
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पांच लिंकों का आनंद पर रचना साझा करने हेतु हार्दिक आभार मैम🙏🌹🙏

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार विकास जी!

      हटाएं
  6. व्यक्तिगत को भूल कर ,
    समष्टिगत को जीवन सार बनायें ।
    करें सब की इच्छा का आदर ,
    सामान्य इच्छा का सिद्धांत अपनायें ।।
    आओ सब मिल कर आज ,स्वन्तत्रता दिवस मनायें
    बहुत ही सुन्दर ...लाजवाब सृजन।

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    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सुधा जी।

      हटाएं
  7. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगवार(१७-०८-२०२१) को
    'मेरी भावनायें...'( चर्चा अंक -४१५९ )
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    उत्तर
    1. चर्चा मंच पर सृजन को चर्चा में सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार अनीता जी।

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  8. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार संदीप जी।

      हटाएं
  9. व्यक्तिगत को भूल कर, समष्टिगत को जीवन सार बनायें......!
    काश ''समस्त'' देशवासियों का यही मकसद हो पाता !

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    उत्तर
    1. आपकी चिन्तनपरक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार सर!

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  10. नमन है उनको प्रथम, बलिदान जो अज्ञात रहे
    हो विलोपित पटल से हृदय में शीर्षांकित हो गये।
    ------बिना शहीदों को नमन किए कैसा स्वतन्त्रता दिवस …सुन्दर रचना

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    उत्तर
    1. आपकी सुन्दर सराहनीय अनमोल पंक्तियों से सजी प्रतिक्रिया ने सृजन को सार्थकता प्रदान की । हार्दिक आभार उषा जी ।

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  11. सुंदर रचना, देशभक्ति के भावों से ओतप्रोत।

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    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार मीना जी ।

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  12. स्वतंत्रता दिवस को सम्मान देती तथा सुंदर सुखद संदेश देती रचना ।

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    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार जिज्ञासा जी ।

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  13. सुन्दर भाव सृजन... जो भी हो पर ऐसी सुन्दर कल्पना भी असीम सुख देती है । हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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    उत्तर
    1. सत्य कहा आपने यथार्थ की कठोरता को कम करने के लिए आदर्शों की कल्पित ​सोच सुखद अनुभूति देती है।।
      आपकी स्नेहिल उपस्थिति के लिए आभारी हूँ ।

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  14. व्यक्तिगत भूल कर राष्ट्र चिंतन सदैव रहना चाहिए मन में ...
    इसकी कल्पना स्वयं शीश झुका देती है ... बहुत सुन्दर भाव ओर रचना ...

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    उत्तर
    1. सृजन की सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से लेखनी को
      मान मिला । हृदय से असीम आभार नासवा जी।

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"