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रविवार, 20 मई 2018

।।मुक्तक।।

( 1 )
सहमति  हो किसी बात के लिए भी ।
संभव नहीं ये किसी के लिए भी ।।
कई बार मौन भी ओढ़ना पड़ता है ।
सब के अमन-चैन के लिए भी ।।
                 
                ( 2 )

निहारना चांद को भला सा लगता है ।
सौंदर्य का रसपान भी अच्छा सा लगता है ।।
खूबसूरती की कमी तो सूरज में भी नहीं ।
बस नजरे चार करना ही टेढ़ी खीर सा लगता है ।।

XXXXX

24 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २१ मई २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

    निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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    1. "लोकतंत्र" संवाद मंच में रचना को स्थान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया ध्रुव सिंह जी ।

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  2. जय मां हाटेशवरी...
    अनेक रचनाएं पढ़ी...
    पर आप की रचना पसंद आयी...
    हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 22/05/2018 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की गयी है...
    इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।

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    1. इस सम्मान के लिए हार्दिक आभार कुलदीप जी ।
      "पांच दिनों का आनंद" से जुड़ना मेरे लिए सदैव हर्ष की बात है ।

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  3. बहबहुत सुंदर सराहनीय मुक्तक है मीना जी👌👌

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  4. ये टेडी खीर ही तो असली खूबसूरती छुपाए हुए है 😀
    बेदाग खूबसूरती प्रकाश मय पर्दे में।

    खूबसूरत

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  5. बहुत सुंदर सार्थक मुक्तक आदरणीय मीना जी | सस्नेह ०००

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  6. सहमत आपकी बात से ... मौन बहुत ज़रूरी हो जाता है कई बार सब की शांति के लिए ... साइनो मुक्तक महावन हैं ... मुखर हैं ...

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    1. आप की प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा सदैव रहती है ।आज बहुत सारी रचनाओं पर आपकी प्रतिक्रिया देख कर खुशी हुई ।
      बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।

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  7. गहन अर्थपूर्ण मुक्तक। दोनों में ही विशेष संदेश।

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  8. खूबसूरती की कमी तो सूरज में भी नहीं ।
    बस नजरे चार करना ही टेढ़ी खीर सा लगता है
    सहज शब्दों में सहजता से इतनी बड़ी बात कह दी आपने खूबसूरत व्याख्या !!

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    1. हौसला अफजाई के लिए हार्दिक धन्यवाद संजय जी ।

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  9. मीना जी, टेढ़ी खीर उन्हें मुबारक ! हमको तो आपकी कविता की मीठी खीर खाने को मिल रही है.

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    1. हौसला अफजाई के लिए हार्दिक धन्यवाद गोपेश जी :)

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मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"