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बुधवार, 3 नवंबर 2021

दीपावली [ हाइकु ]

                                          🪔

ऋतु हेमन्त~

घर-घर सजती

दीपमालिका ।

🪔

दीपक ज्योति~

तम दूर भगाए

राग द्वेष का ।

🪔

शोभा अपार ~

रंगोली- तोरण से

गृह द्वारों की ।

🪔

पावन पर्व ~

मन मोद मनाएं

हर्षें व गाएं ।

🪔

दीप पर्व की

हार्दिक शुभेच्छाएँ

मित्र वृन्द को ।

🪔

🙏🙏


14 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०४-११-२०२१) को
    'चलो दीपक जलाएँ '(चर्चा अंक-४२३७)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चर्चा मंच पर सृजन साझा करने हेतु हार्दिक आभार अनीता जी !

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 04 नवंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. "पांच लिंकों का आनन्द" पर सृजन साझा करने हेतु हार्दिक आभार आ. रविन्द्र सिंह जी ।

      हटाएं
  3. वाह ! दीपोत्सव को परिभाषित करते शानदार हाइकु ।
    दीपाली के दीप से जगमग पूरा देश ।
    तिमिर भगाने का सदा देते ये संदेश ।।
    दुर्गम पथ सब सुगम हो , मानुष हो खुशहाल ।
    प्रेम और सद्भाव से बीते दिन औ साल ।।
    दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं💐🪔🎆🎇

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं जिज्ञासा जी 🪔🙏💐
      काव्यात्मक प्रतिक्रया के लिए बहुत बहुत आभार ।

      हटाएं
  4. बहुत सुंदर| सभी के लिए दीप पर्व मंगलमय हो|

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हार्दिक आभार जोशी सर ! पंच दिवसीय दीपोत्सव मंगलमय हो 🙏

      हटाएं
  5. दीपावली को बाखूबी इन शब्दों के माध्यम से उतारा है ...
    तीन पंक्तियों में अर्थ को ढाला है ... बहुत बधाई ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया पा कर लेखनी सार्थक हुई ... हृदय से आभार नासवा जी!

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"