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गुरुवार, 4 अगस्त 2022

“हाइकु”


पावस ऋतु 

नीम की डाल पर

निबौरी गुच्छ ।


सावन माह 

कानों से बात करे

खेतों में धान ।


 भोर उजास 

नागवारा झील में

तैरती घास ।


पुराने ख़त

परतों में समेटे

यादों के पुष्प ।


काली घटाएं

गाँव गली में गूँजे

राग मल्हार।


गली का छोर 

चंग की थाप पर

झूमते लोग ।


 नदी का घाट

पुष्प ,फल, मिष्ठान्न 

षष्ठी पर्व में ।

 

बरसी घटा 

आँगन में तैरती

काग़ज़ नाव ।


भोर का तारा 

अम्बर में सिमटा

देख लालिमा ।


जब से उगे

कंक्रीट उपवन

लुप्त गौरैया ।


***

22 टिप्‍पणियां:

  1. सावन से जुड़े कमाल के हाइकू बहुत ही खूबसूरत मीना दीदी :)

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी उत्साहवर्धन करती सराहना से अभिभूत हूँ अनुज संजय! हृदय से असीम आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नीतीश जी!

      हटाएं
  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ५ अगस्त २०२२ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्वेता !

    जवाब देंहटाएं
  6. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार 5 अगस्त 2022 को 'युद्द की आशंकाओं में फिर घिर गई है दुनिया' (चर्चा अंक 4512) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:30 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    जवाब देंहटाएं
  7. चर्चा मंच पर चर्चा में सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी🙏

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह! वाह! बहुत ही शानदार !
    पावस ऋतु में डूबे सुंदर हाइकु।

    जवाब देंहटाएं
  9. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया सदैव नव सृजन को प्रेरित करती है जिज्ञासा जी ! हार्दिक आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  10. पुराने ख़त

    परतों में समेटे

    यादों के पुष्प ।

    एकं से बढ़कर एक हाइकु,सादर नमन मीना जी 🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदय से असीम आभार कामिनी जी ! सादर सस्नेह वन्दे !

      हटाएं
  11. एक से बढ़ कर एक हाइकु ।
    सावन से ले कर षष्ठी पर्व तक यादों के पुष्प खिले वो अलग । 👌👌👌👌

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    उत्तर
    1. मेरे सृजन को मान सम्पन्न सार्थकता प्रदान करती आपकी प्रतिक्रिया के लिए हृदय से अभिभूत हूँ आ . दीदी ! आपकी स्नेहिल उपस्थिति हेतु हृदयतल से असीम आभार , सस्नेह सादर वन्दे !

      हटाएं
  12. वाह!!!!
    लाजवाब हायकु

    पुराने ख़त

    परतों में समेटे

    यादों के पुष्प ।

    जवाब देंहटाएं
  13. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदय से स्नेहिल आभार सुधा जी !

    जवाब देंहटाएं
  14. शानदार हाइकू...सारगर्भित...👏👏👏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार 🙏 🙏

      हटाएं
  15. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार आदरणीय ज्योति सर ।

    जवाब देंहटाएं
  16. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार ओंकार सर ।

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"