उत्तर से दक्कन आने वाली बयार भली सी लगती है ।
बात कुछ भी नही बस तुम्हारी याद आ जाया करती है।।
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सर्द हवाओं के झुण्ड कुछ ढूंढ रहे हैं
गाँव की गलियों और पनघट के छोर पर ।
सरहद से किसी फौजी का पैगाम आया लगता है ।।
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अनुभूति और चिन्तन सदैव जीवन का हिस्सा रहे लेकिन शब्दों में ढालने का ख्याल बहुत लम्बे अर्से के बाद आया, अपनी यात्रा में आपको साझी बना कर कुछ क्षणों के लिए अपनी दुनिया में ले जा पाई तो मेरा लिखना सफल हुआ।
वाह !!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब त्रिवेणी....
बहुत बहुत धन्यवाद सुधा जी .
हटाएंवाह्ह्ह...मीना जी क्या बात है लाज़वाब त्रिवेणी है।👌👌
जवाब देंहटाएंसरहद पर तैनात हमारे वीर जवानों को नमन।
बहुत बहुत धन्यवाद श्वेता जी .
हटाएंवाह कोई जवाब नहीं एक से बढ़कर एक...सीधे दिल पर दस्तक देती त्रिवेणी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद संजय जी .
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंदूसरी त्रिवेणी तो दिल में हुक उठा गयी ... बहुत कमाल ...
हौसला अफजाई करती प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार दिगम्बर जी .
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