Followers

Copyright

Copyright © 2023 "मंथन"(https://www.shubhrvastravita.com) .All rights reserved.

रविवार, 16 अगस्त 2020

"त्रिवेणी"

खामोशी की जुबान गंभीर होती है ।
जब बोलती है तो उसकी गूंज ,

 बेआवाज़ ही ,दूर तक सुनाई देती है  ।।

🍁🍁🍁

अपनी जगह देख 'डोंट डिस्टर्ब' का टैग  ।
बिना बताये चुपचाप लौट जाती है ,

नींद का भी अपना स्वाभिमान है  ।।

🍁🍁🍁

पूनम का चाँद ठिठुरा सा लगता है ।
चाँदनी की पैरहन में भी नमी भरी है ,

कई दिनों से सूरज दूज का चाँद जो हो गया है ।।

🍁🍁🍁







26 टिप्‍पणियां:

  1. वाह!सराहना से परे 👌👌
    एक से बढ़कर एक त्रिवेणी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह!! गज़ब त्रिवेणियां ।
    बहुत सुंदर भाव सुंदर गहन सृजन।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन को मान मिला ..हृदयतल से आभार कुसुम जी !

      हटाएं
  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (17अगस्त 2020) को 'खामोशी की जुबान गंभीर होती है' (चर्चा अंक-3796) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    --
    -रवीन्द्र सिंह यादव

    आपकी रचना की पंक्ति-
    "खामोशी की जुबान गंभीर होती है"

    हमारी प्रस्तुति का शीर्षक होगी।


    जवाब देंहटाएं
  4. चर्चा मंच की चर्चा में सृजन को सम्मिलित करने और प्रस्तुति के शीर्षक में सृजन की पंक्ति का चयन करने हेतु सादर आभार आदरणीय रविन्द्र सिंह जी 🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह!!!
    गहन भावों से भरी लाजवाब त्रिवेणी
    अपनी जगह देख 'डोंट डिस्टर्ब' का टैग ।
    बिना बताये चुपचाप लौट जाती है ,

    नींद का भी अपना स्वाभिमान है

    जवाब देंहटाएं
  6. सच है ! खमोशी की जुबां जब बोलती है तो सब को खामोश कर जाती है

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मनोबल संवर्द्धन करती सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए सादर आभार सर !

      हटाएं
  7. मन के भावों का सुंदर संयोजन,बेहतरीन सृजन मीना जी,सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से सस्नेह आभार कामिनी जी !

      हटाएं
  8. खामोशी की जुबान गंभीर होती है ।
    जब बोलती है तो उसकी गूंज ,

    बेआवाज़ ही ,दूर तक सुनाई देती है ।।

    बेहद दमदार पंक्तियां...ख़ामोशी की ज़ुबान पर
    बधाई 🌺

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से सस्नेह आभार
      वर्षा जी 🙏

      हटाएं
  9. वाह मीना जी, नींद का स्वाभिमान आज हमने भी जाना ....वाह

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उर्जावान प्रतिक्रिया हेतु सस्नेह आभार अलकनंदा जी🙏

      हटाएं
  10. वाह ... बेहतरीन त्रिवेनियाँ ...
    अलग अंदाज़ होता है त्रिवेणी का और आपने बाखूबी अदा किया है ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उत्साहवर्धन करती ऊर्जावान प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार नासवा जी.

      हटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"