अनुभूति और चिन्तन सदैव जीवन का हिस्सा रहे लेकिन शब्दों में ढालने का ख्याल बहुत लम्बे अर्से के बाद आया, अपनी यात्रा में आपको साझी बना कर कुछ क्षणों के लिए अपनी दुनिया में ले जा पाई तो मेरा लिखना सफल हुआ।
बहुत सुन्दर त्रिवेणी....
अत्यन्त आभार सुधा जी .
वाह्ह्ह...बहुत सुंदर त्रिवेणी।
बहुत बहुत आभार श्वेता जी .आप का ब्लॉग page खुल नही रहा .
क्या बताऊँ तुम्हें…..,कि तुमसे कितना प्यार है ।।मीना जी सुंदर त्रिवेणी के माध्यम से सब कुछ बड़ी सहजता से कह दिया आपने.....कुछ स्मृतियां ताजी हो गईं
आपकी सराहना सदैव लेखन हेतु प्रेरणादायी होती है संजय जी .
“मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार…. , आपकी प्रतिक्रिया (Comment ) मेरे लिए अमूल्य हैं ।”- "मीना भारद्वाज"
बहुत सुन्दर त्रिवेणी....
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभार सुधा जी .
हटाएंवाह्ह्ह...बहुत सुंदर त्रिवेणी।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार श्वेता जी .आप का ब्लॉग page खुल नही रहा .
हटाएंक्या बताऊँ तुम्हें…..,कि तुमसे कितना प्यार है ।।
जवाब देंहटाएंमीना जी सुंदर त्रिवेणी के माध्यम से सब कुछ बड़ी सहजता से कह दिया आपने.....कुछ स्मृतियां ताजी हो गईं
आपकी सराहना सदैव लेखन हेतु प्रेरणादायी होती है संजय जी .
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