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शुक्रवार, 3 मार्च 2023

“त्रिवेणी”

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आँगन की माटी और छत की मुँडेरों से

गौरैयाओं के परिवार कहीं खो गए है ..,


लुप्त प्रजाति की सूची में प्रेम अब सबसे ऊपर है 

                  

🍁


फ़ुर्सत के पलों में तेरे गली-कूचों में 

भटकता फिरता है़ ख़ामोश मन..,


उम्र भर के नेह की बात जो ठहरी ।


🍁


तुमसे मिलना ख़्वाबों में ही हुआ करेगा

बिछड़ते वक़्त यह सोचा नहीं था..,


मुद्दतें हुईं अपने बीच के सभी पुल ढहे ।


🍁


22 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सृजन की सराहना हेतु हृदयतल से आभार आ. ओंकार जी सर ! सादर वन्दे ।

      हटाएं
  2. आँगन की माटी और छत की मुँडेरों से

    गौरैयाओं के परिवार कहीं खो गए है ..,



    लुप्त प्रजाति की सूची में प्रेम अब सबसे ऊपर है

    सही कहा आपने,बहुत ही सुंदर त्रिवेणी,सादर नमन मीना जी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी स्नेहिल उपस्थिति से सृजन सार्थक हुआ, हृदयतल से असीम आभार । सादर सस्नेह वन्दे कामिनी जी!

      हटाएं
  3. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(०५ -०३-२०२३) को 'कुछ रंग आपस में बांटे - --'(चर्चा-अंक -४६४४ ) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. चर्चा मंच की चर्चा में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार अनीता जी ! सादर सस्नेह वन्दे!

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी लिखी रचना सोमवार 6 मार्च 2023 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पाँच लिंकों का आनन्द में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार आ. दीदी ! सादर सस्नेह वन्दे ।

      हटाएं
  6. उम्र भर के नेह की बात जो ठहरी ।
    जीवन का गहन सौंदर्यबोध। अति उत्तम कृति।
    होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 💐💐

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ । होली की हार्दिक शुभकामनाएँ जिज्ञासा जी ।

      हटाएं
  7. हृदय स्पर्शी त्रिवेणियाँ मीना जी गहन विचारों को तीन पंक्ति में सहेजना और पूर्ण कह देना ये त्रिवेणी का आकर्षण है और ये आप बखूबी निभा लेते हो।
    रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से अपार हर्ष हुआ कुसुम जी ! आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

      हटाएं
  8. उत्तर
    1. सराहना हेतु बहुत बहुत आभार शिखा जी!
      रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

      हटाएं
  9. तुमसे मिलना ख़्वाबों में ही हुआ करेगा

    बिछड़ते वक़्त यह सोचा नहीं था..,



    मुद्दतें हुईं अपने बीच के सभी पुल ढहे ।
    वाह!!!
    लाजवाब त्रिवेणीहोली पर्व की अनंत शुभकामनाएं मीनाजी ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के सृजन को सार्थकता मिली सुधा जी ! रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

      हटाएं
  10. उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार एवं होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

      हटाएं
  11. फ़ुर्सत के पलों में तेरे गली-कूचों में
    भटकता फिरता है़ ख़ामोश मन…
    सुन्दर रचना😊

    जवाब देंहटाएं
  12. आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ । हार्दिक आभार सहित सादर वन्दे!

    जवाब देंहटाएं
  13. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"