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शनिवार, 2 सितंबर 2017

“वादा”

एक वादा था तुमसे
जो खेल खेल में कर दिया
जमीं पे तारे और 
पूनम के चाँद का ।
काम जरा मुश्किल सा था
मगर बात भी जिद्द की  थी 
गुलमोहर के नीचे स्याह रात में
 बड़े जतन से मुट्ठी भर 
जुगनू लाकर छोड़े हैं ।
तारों की  चमक तो आ गई
बस पूनम के चाँद की कमी है 
तुम्हारे आने से वह हट जाएगी
और अधूरी बात पूरी हो जाएगी


xxxxx

18 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 03 सितम्बर 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. मेरी रचना को "पाँच लिंकों का आनन्द"‎ मे शामिल‎ कर ने के लिए‎ हृदयतल से आभार यशोदा जी ।

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  3. वाह्ह्ह...मीना जी,अति सुंदर, शानदार मनोभावों को सुंदर शब्दों में पिरोयी गयी आपकी रचना।

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  4. हृदयतल से हार्दिक धन्यवाद श्वेता जी ।

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  5. वाह!!!
    बहुत ही खूबसूरत वादा....
    लाजवाब...

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  6. बहुत बहुत‎ धन्यवाद सुधा जी .

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  7. चाँद के आने का खूबसूरत सा इतजार और एक अधूरा सा वादा तथा इन सब के बीच मन की निमित्त आशा का बड़ी ही खूबसूरत प्रकटीकरण। जीवन्त सी यह कविता अत्यन्त ही लुभावन है। बधाई आदरणीय मीना जी।

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    1. कविता की प्रशंसा‎ में उत्साह‎वर्धन करती प्रतिक्रिया‎ हेतु बहुत बहुत‎ धन्यवाद पुरुषोत्तम जी .

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  8. आदरणीय ,अतिसुन्दर सृजन उम्दा ! शुभकामनाओं सहित ,आभार ''एकलव्य"

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  9. बहुत बहुत‎ धन्यवाद ध्रुव सिंह जी .

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  10. बिम्बों और प्रतीकों का ख़ूबसूरती से प्रयोग हुआ है। हृदयस्पर्शी रचना। न्यूनतम शब्दों में समाया है अधिकतम घनत्व। कोमल एहसासों की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति। बधाई।

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  11. आपकी उत्साह‎वर्धक प्रतिक्रिया‎ के लिए‎ हार्दिक आभार रविन्द्र सिंह‎ जी।

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  12. तहेदिल से शुक्रिया मीना जी ।

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  13. बाकी है बस उनका आना ... वादा पूरा होगा जरूर होगा ...
    प्रेम के वादे जरूर पूरे होते हैं ...

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  14. रचना सराहना हेतु हृदयतल से आभार दिगम्बर जी।

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  15. एक वादा था तुमसे
    जो खेल खेल में कर दिया
    जमीं पे तारे और पूनम के चाँद का ।
    तारीफ़ के लिए शब्द तलाश रहा हूँ मीना जी सुंदर एहसास के साथ एक प्यारी सी कविता :)



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  16. उत्साह‎वर्धन करती प्रतिक्रिया‎ के लिए‎ बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी :) ।

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मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"