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मंगलवार, 9 जून 2020

"हाइकु"



भोर लालिमा~
कलरव की गूंज
पेड़ों से आई ।

गिलोय लता~
वैद्य की दुकान में 
खरल गूंज ।

जीर्ण पुस्तक~
अंगुलियों के बीच
पुराना ख़त ।

शरद चन्द्र~
कूलबंद तोड़ती
सिंधु लहरें ।

जेष्ठ मध्याह्न~
मलाई वाला बर्फ
गली में टेर ।

***

30 टिप्‍पणियां:

  1. वाह लाजवाब मीना जी अभिनव सृजन।

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  2. त्वरित उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ कुसुम जी । बहुत बहुत आभार आपका ।

    जवाब देंहटाएं
  3. नमस्कार मीना जी बहुत ही बढ़िया हाइकु ,लाजवाब

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर नमस्कार ज्योति जी ...आपकी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया से लेखन का मान बढ़ा ।

      हटाएं
  4. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (10-06-2020) को  "वक़्त बदलेगा"  (चर्चा अंक-3728)    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
     आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    उत्तर
    1. चर्चा मंच पर सृजन को सम्मिलित करने हेतु हृदयतल से सादर आभार सर ।

      हटाएं

  5. गिलोय लता~
    वैद्य की दुकान में
    खरल गूंज ।
    आहा। .मेरी पापा भी यही बोलते हैं। ..:)

    शरद चन्द्र~
    कूलबंद तोड़ती
    सिंधु लहरें

    बहुत ही सुंदर चित्रण। .शरद चंद्र की आभा ही और होती हैं
    बहुत अच्छे हाईकु
    बहुत ही शानदार

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी प्रतिक्रिया से सृजन को सार्थकता मिली जोया जी ।हृदय से असीम आभार ।

      हटाएं
  6. हाइकू लिखना भी एक चैलेंजभरी कला है

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    उत्तर
    1. अच्छा लगता है मैम लिखना इस विधा में..बस कभी कभी प्रयास कर लेती हूँ । हृदयतल से आभार आपका ।

      हटाएं
  7. जेष्ठ मध्याह्न~
    मलाई वाला बर्फ
    गली में टेर ।
    वाह!
    बनारस की वे गलियाँ, वो भूली बिछड़ी यादें
    चलचित्र सा सामने आ गया।

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह! बहुत ही सुंदर दी 👌

    जीर्ण पुस्तक~
    अंगुलियों के बीच
    पुराना ख़त । हृदय स्पर्शी 🌹

    जवाब देंहटाएं
  9. नेह पगी प्रतिक्रिया से लेखनी का मान बढ़ा अनीता । स्नेहिल आभार :-)

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  10. उँगलियों के बीच
    पुराना ख़त ...
    बहुत ही लाजवाब ख्याल को गूंथा है हाइकू के कम शब्दों में ... लाजवाब हाइकू सभी ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार नासवा जी ।

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  11. नमस्कार आदरणीया,

    लेखन यात्रा में मैं अभी नया यात्री हूं, तो मुझे तो हाइकु के बारे में पता ही नहीं था की यह क्या बला है। कल जब पढ़ने के बाद यूट्यूब पर खोज की तो इस विधा के बारे में पता चला।

    तब दोबारा से आपकी इस हाइकू को पढ़ना हो पाया तो वाकई में आनंद आ गया हाइकु कविता को पढ़कर और उसके अंदर का जो सार था वह भी पता चला। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आप युहीं यथावत लिखते रहे।

    💐💐💐💐💐

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  12. नमस्कार सर,
    सब से पहले बहुत बहुत आभार आपका 🙏
    आपने हाइकु के बारे जानकारी ढूंढी यह जान कर अतीव प्रसन्नता हुई । मैने भी यह विधा यूं ही पढ़ते गुनते सीखने का प्रयास किया है । आपकी प्रतिक्रिया से लेखन को सार्थकता मिली ।🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

मेरी लेखन यात्रा में सहयात्री होने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏

- "मीना भारद्वाज"