तुम्हारी छोटी-छोटी बातें
मुझे अहसास करा देती हैं
कि तुम्हें मेरी परवाह है
मेरी बातों की शुरुआत से पहले
‘एक बात कहूँ’ की मेरी आदत
स्मित सी मुस्कान तुम्हारे
होठों पर भर देती है
मेरे बीमार हो जाने पर
प्यार से तुम्हारे हाथ से बनी
एक चाय की प्याली
मेरे मन में पुलकन भर देती है
किसी बहस के दरमियान
चीन की दीवार बनकर
अहं का द्वन्द कभी-कभी
मेरे-तुम्हारे बीच आ जाता है
मेरे कान पकड़ कर
तुम्हारा ‘सॉरी ‘ बोलना
मेरे मन की बर्फ को
पानी सा पिघला जाता है
तुम्हारी यही छोटी-छोटी बातें
मुझे अहसास कराती इस बात का
कि तुम्हें मेरी परवाह है
XXXXX
सच कहती पंक्तियाँ .
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट ….शब्दों की मुस्कराहट पर आपका स्वागत है
बहुत बहुत आभार संजय जी .आपकी पोस्ट"शब्दों की मुस्कुराहट"के निमन्त्रण के लिए हार्दिक धन्यवाद.
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